नेपाल में हालिया भारी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई है और 79 अन्य लोग लापता हैं। पिछले 24 घंटों में हुई इस त्रासदी के बाद, 3,000 से अधिक सुरक्षा कर्मी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
काठमांडू में बाढ़ की स्थिति
नेपाल की राजधानी काठमांडू में बागमती नदी के उफान पर आने से आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। इससे 236 घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, और कई अन्य घरों के डूबने का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में कई लोगों की मौत की खबर है। इस स्थिति के कारण घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं, जिससे लगभग 150 उड़ानों पर असर पड़ा है।
भूस्खलन और सड़क अवरोध
भारी बारिश ने भूस्खलनों को भी जन्म दिया है, जिससे देश भर में सड़कों और राजमार्गों में अवरोध उत्पन्न हो गया है। वर्तमान में, 28 स्थानों पर 65 से अधिक राजमार्ग और प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हैं। भूस्खलन का खतरा 42 जिलों में बढ़ गया है, जिससे कई यात्री फंसे हुए हैं।
प्रशासनिक प्रयास और चिंताएं
प्रशासन सक्रिय रूप से मलबा हटाने और सड़कों को फिर से खोलने के प्रयास कर रहा है। बारिश, जो शुक्रवार से शुरू हुई थी और रविवार तक जारी रहने की उम्मीद है, ने कई नदियों में अचानक बाढ़ आने की चिंता बढ़ा दी है। खासकर कोसी नदी में, जो हर साल बिहार, भारत में घातक बाढ़ का कारण बनती है।
स्थिति का संक्षिप्त सारांश
- मौतें: 66
- लापता: 79
- सुरक्षा कर्मियों की संख्या: 3,000+
- बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र: काठमांडू और आसपास
- फंसे यात्री: सड़कों के अवरुद्ध होने के कारण बड़ी संख्या में
निष्कर्ष
नेपाल में मौजूदा बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति गंभीर है, और प्रशासन राहत कार्यों को तेज करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस संकट के बीच, नागरिकों की सुरक्षा और बचाव कार्यों की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में जीवन को सामान्य करने में सहायता मिल सके।